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#Vijay Rupani
CM. Gujarat
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#जैन समाज के #गौरव #विजय रुपाणी #गुजरात के #16वें #सीएम
कौन हैं विजय रूपाणी?
- प्रदेश बीजेपी प्रेसिडेंट विजय रुपाणी काफी आक्रामक नेता माने जाते हैं।
- रुपाणी आनंदीबेन सरकार में ट्रांसपोर्ट, वाटर सप्लाई, श्रम और रोजगार विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
- उन्हें नरेंद्र मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है।
- रुपाणी को बीजेपी संगठन में काम करने का लंबा एक्सपीरिएंस है, लगातार चार बार वो प्रदेश बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी रहे।
- रुपाणी का जन्म 2 अगस्त को 1956 में म्यांमार में हुआ था। 1960 में वे फैमिली के साथ राजकोट आ गए थे।
- 1980 में बीजेपी ज्वाइन करने से पहले इमरजेंसी के दौरान रुपाणी मीसा के तहत जेल में भी रहे।
कैसे शुरू हुआरुपाणी का करियर
- राजकोट में बतौर कॉरपोरेटर उनका करियर 1987 में शुरू हुआ। बाद में मेयर भी बने।
- उसके बाद मोदी ने 2006 में उन्हें गुजरात टूरिज्म का प्रेसिडेंट बनाया। इसी साल रुपाणी को राज्यसभा भेजा गया। वे 2012 तक राज्यसभा मेंबर रहे।
- 2013 में मोदी ने उन्हें म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का प्रेसिडेंट बनाया।
- उन्होंने 2015 में पहली बार विधानसभा इलेक्शन लड़ा और जीत गए।
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#हुबली #चातुर्मास #2016
#होसपेट #चातुर्मास 2016
उपप्रवर्तक श्री #नरेश मुनि जी म सा.
5/8/2016
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गर्व: मेरठ के नवीन जैन चांद पर पहला निजी यान भेजेंगे
News: 5/8/2016
नई दिल्ली हिन्दुस्तान नेटवर्क चांद पर पहला कदम रखने वाला पहला व्यक्ति भले ही भारतीय नहीं रहा हो, लेकिन चंद्रमा की धरती पर पहली निजी कंपनी का यान एक भारतीय मूल के व्यक्ति की कंपनी का ही होगा। अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन ने अंतरिक्ष में यान भेजने और उसे चंद्रमा पर उतारने के लिए पहली बार एक निजी अमेरिकी कंपनी को लाइसंेस जारी किया है। इस कंपनी के सह संस्थापक भारतीय मूल के नवीन जैन हैं। कंपनी अगले साल इस यान के प्रक्षेपण का काम शुरू करेगी। कंपनी के मुताबिक अमेरिका के नीतिगत फैसले के बाद ‘मून एक्सप्रेस’ को चंद्रमा की सतह पर पहला रोबोटिक यान भेजने का अधिकार मिल गया है। इससे पहले कोई निजी अतंरिक्ष यान धरती की कक्षा से बाहर नहीं भेजा गया है और बाहय अंतरिक्ष में अभी तक जो भी यान गए हैं, वे सरकारी एजेंसियों की ओर से भेजे गए हैं। इस कंपनी की स्थापना 2010 में अंतरिक्ष मामलों के विशेषज्ञ डॉ़ बॉब रिचर्डस, नवीन जैन और उद्यमी तथा तकनीक के जानकार डॉ़ बार्ने पेल ने मिलकर की थी।
अमेरिकी अरबपति नवीन जैन का जन्म 1959 में मेरठ के एक छोटे से गांव में हुआ। वह दिल्ली और मेरठ के गांव में पले-बढ़े। उनके पिता सिविल इंजीनियर थे।
मून एक्सप्रेस के अलावा भारत की एक कंपनी टीम इंडस और अमेरिका के पिट्सबर्ग की कंपनी एस्ट्रोबॉटिक भी चांद पर यान भेजने की तैयारी कर रही थीं। पर चांद पर यान भेजने की अनुमति हासिल करके मून एक्सप्रेस इस रेस में आगे निकल गई है।
चांद पर खरबों डॉलर का प्लैटिनम और हीलियम 3 मौजूद है। नवीन के यान से मिली जानकारी के बाद हीलियम 3 का एक छोटा सा हिस्सा लाने में भी कामयाबी मिल गई तो कई दशकों की ऊर्जा समस्या का हल निकल जाएगा और यह सब प्रदूषण रहित होगा।
साल 2017 तक सूटकेस के आकार का एक लैंडर चांद पर भेजा जाएगा, जो वहां की तस्वीरें धरती पर भेजेगा और अन्य वैज्ञानिक शोध भी करेगा। हालांकि अब तक इस लैंडर के निर्माण कार्य को पूरा नहीं किया जा सका है।
में माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी
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#शिवाचार्य #भीलवाडा #चातुर्मास 2016
मन का दिया प्रकाशित करना आवश्यक - आचार्य श्री शिव मुनि
5/8/2016 भीलवाडा / मन का दिया प्रकाशित करना आवश्यक है । बाहर की दुनिया की चकाचोंध से मन का अन्धेरा नही मिटता । यह कहना है जैन श्रमण संघीय आचार्य श्री शिव मुनि का । आचार्य श्री ने शिवाचार्य समवसरण में शुक्रवार को आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा मेंं श्रावक श्राविकाओं को मन को निर्मल बनाने पर उदबोधित करते हुए कहा कि जीवन तभी सार्थक हे जब हमारे मन में रौशनी हो, हमारे मन में प्रकाश हो अर्थात हम हम जो भी करे स्वच्छ निर्मल मन से करे । मन के भाव उत्तम होना आवश्यक है । जैसे अंधे को कभी प्रकाश नजर नही आता है वैसे ही मन के अंधे को कुछ भी समझ नही आता है हमे अपने मन में विश्वास पैदा करना है । यदि हमारा मन प्रसन्न हे तो हम स्वयं प्रसन्न होंगे और दूसरों को भी प्रसन्न रख सकते हे ।जीवन जब आनन्दित होता है तो औरों को आनन्दित करता है । किसी का तृप्त होना आनन्दित होना दूसरों को आनन्द की अनभूति देता है । जब हम मंगल में हे तो सबका मंगल होगा लेकिन अगर हमारे भीतर क्रोध हे तो हम खुद भी दुखी होंगे और दूसरों को भी दुःख देंगे ।
जन्म का दुःख, गर्भ का दुःख, रोग का दुःख,आधि व्याधि का दुःख,जीवन के प्रारम्भ होने से ही दुखों का प्रारम्भ हे । जैसा बीज वैसा ही फल ये प्रकति का नियम है । लेकिन यदि अगर हमारा मन प्रसन्न हे तो हम हम प्रसन्न रहेंगे ।
एक बार प्रभु के प्रकाश का बोध हो जाए तो जीवन धन्य हे सामयिक सूत्र पर चर्चा करते हुए श्रमण संघीयमंत्री शिरीष मुनि ने बताया कि जिसे आत्म बोध हो जाता है वो भव सागर से तिर जाता है । भय पर जीत ही मनुष्य को सही मार्ग की और ले जाती है ।
आत्मा में परमात्मा बनने की क्षमता है लेकिन आवश्यकता ज्ञान चक्षु खोलने की हे । धर्मसभा को आत्मा से परमात्मा बनने की कला पर उदबोधित करते हुए निशान्त मुनि ने बताया कि मुक्ति के लिए कषायों का त्याग करना आवश्यक है । तप और तपस्या में बल हे तो आप जीवन को निर्विघ्न जी सकते हे । अगर हम सद्गुरु के सानिधय में आते है तो कषायों पर विजय पा सकते हे ।
#हैदराबाद #चातुर्मास #2016
श्रमण संघीय सलाहकार श्री #दिनेश मुनि जी म.
5/8/2016
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