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शहर प्रवेश पर आचार्य शिवमुनि का हुआ अभूतपूर्व स्वागत
कटारिया ने भी स्थानीय संघ की ओर से आचार्यश्री से सन 2017 का चातुर्मास उदयपुर में करने की विनती की।
उदयपुर, 19 मई। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ पंचायती नोहरा उदयपुर में प्रात: आत्मज्ञानी, युग प्रधान आचार्य सम्राट डॉ. शिव मुनि का अीाूतपूर्व भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आचार्यश्री प्रात: ग्राम नाई से विहार कर ससंघ पंचायती नोहरा उदयपुर में पंहुचे। इस दौरान गृहमंत्री गुलारबचन्द कटारिया ने भी आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
धर्मसभा में आचार्यश्री शिव मुनि ने कहा कि आनन्द, शान्ति, सुख समृद्धि और समाधान प्रत्येक व्यक्ति की स्वभावित अपेक्षाएं हैं। इन्हीं अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए ्रपत्येक मानव दिन रात श्रम करता है, भागदौड़़ करता है, विविध साधनों और संसाधनों का संग्रह करता है, लेकिन उसकी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाती। सुख के साधनों के अम्बार लगाकर भी उसे सुख प्राप्त नहीं हो पाता।
आचार्यश्री ने कहा कि स्वयं को जानो। मैं क्या हूं, मैं कौन हूं, मेरा मकसद क्या है, मुझे करना क्या है। मैं इंसान बन कर भी भ्टका हूं, देव बन कर भी भटका हूं। इस सत्य को जाने बिना इंसान को सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती है। सत्य का शोध जरूरी है। सत्य कहां मिलेगा, सत्य क्या है। सत्य ना तो शरीर है और ना ही मन है सत्य तो आत्मा है। आत्मा से ही परमात्मा का मिलन होता है। आत्मा में छुपी भीतर की चेतना को जगाओ, उसे जानो तभी सच्चा सुख और आनन्द मिल पाएगा।
इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि एक जन प्रतिनिधि होने के साथ ही सरकार में गृहमंत्री होने के नाते उन्हें जिम्म्ेदारियों और दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता है। सरकारी और जनता के कामों में व्यस्तता के चलते वह ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में समय पर पहुंचने की कोशिशों के बावजूद भी नहीं पहुंच पाते। कई बार कारण से सन्त समाज की ओर से उन्हें नाराजगी भी झेलनी पड़ती है। हर संघ समाज चाहता है कि मैं उनके कार्यक्रमों में आउं लेकिन क्या करूं ऐसा सम्भव नहीं हो पाता है। लम्बे कालखण्ड के बाद आचार्यश्री डॉ. शिवमुनिजी का उदयपुर की धरा पर पदार्पण हुआ है यह उदयपुर ही नहीं सम्पूर्ण मेवाड़ के गौरव और आनन्द की बात है। कटारिया ने भी स्थानीय संघ की ओर से आचार्यश्री से सन 2017 का चातुर्मास उदयपुर में करने की विनती की।
आचार्यश्री के मंगलप्रवेश के दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्यश्री के सानिध्य में श्री संघ के निवर्तमान अध्यक्ष विरेन्द्र डांगी को उनके सफल कार्यकाल, यशस्वी सेवाओं और वर्ष 2013, 2014 और 2015 के ऐतिहासिक चातुर्मासों को ऐतिहासिक बनाने और समाज में कई महत्वपूर्ण कार्य कर समाज संघ का गौरव बढाने के लिए उन्हें उपरना, शॉल, पगड़ी एवं अभिनन्दन पत्र भेंट कर समाज रत्न के अलंकर के अलंकरण से सुशोभित किया गया। इसी तरह निवर्तमान महामंत्री हिम्मतसिंह बडाला को भी उपरना, शॉल, पगड़ी एवं अभिनन्दन पत्र भेंट कर समाज गौरव अलंकरण प्रदान कर उनका अभिनन्दन किया गया। सम्मान एवं अभिनन्दन समारोह में संघ के सभी पदाधिकारी, युवा मंच एवं महिला मंडल सहित संघ के प्रमुख गणमान्य उपस्थित थे। इसी के साथ नाई संघ के लेहरीलाल कोठारी, प्रमोद कोठारी एवं दिनेश कोठारी का सम्मान किया गया। इस दौरान समूचे संघ समाज की ओर से एक स्वर में आचार्यश्री को वर्ष 2017 का चातुर्मास उदयपुर में करने की विनती की।
धर्मसभा में आचार्यश्री डॉ. शिव मुनि और शिरीष मुनि को आदर की चादर ओढ़ाई गई तो समूचा पाण्डाल हर्षध्वनी के जयकारों से गूंज उठा।
आचार्यश्री के स्वागत में वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सैंकड़ों जन उपस्थित थे। आपके सानिध्य में यहां पर दो दिवसीय 20- 21 मई को आत्मध्यान साधना शिविर का आयोजन होगा। बेसिक शिविर प्रात: 6 बजे से 9 बजे तक पंचायती नोहरा, मुखर्जी चौक में होगा जबकि गम्भीर शिविर प्रात: 10 बजे से 5 बजे तक अम्बा गुरू शोध संस्थान उदयपुर में होगा।
पत्रकार वार्ता-
धर्मसभा के बाद आयोजित पत्रकारवार्ता में आचार्य डॉ शिव मुनि ने ध्यान एवं साधना के बारे में बताते हुए कहा कि सुख साधनों में नहीं बल्कि साधना में है। आनन्द पदार्थ में नहीं है, आनन्द स्वात्मा में है। शान्ति बाहर नहीं भीतर आत्मा में है। समाधान ध्यान में नहीं है समाधान आत्म ध्यान में है। स्वर्ग, जन्नत मृत्यु के बाद का सच हो सकता है, लेकिन आत्म ध्यान से टूटती कर्म श्रृंखलाएं और आत्मानन्द का बढ़ता प्रवाह इसी क्षण का सच है।
इस दौरान शिरीष मुनि ने कहा कि आचार्यश्री ने देश के कौने- कौने की यात्राएं की है। इस दौरान आचार्यश्री ने कड़ी मेहनत से भगवान महावीर की साधना और ध्यान पद्धति की खोज की। आज की साधना और ध्यान सिर्फ मन वचन, काया और कर्मों को शुद्ध करने तक ही सीमित है लेकिन महावीर की साधना पद्धति आत्मा ध्यान साधना है। आचार्यश्री तीर्थकरों की साधना पद्धति से ही सभी श्रावकों को ध्यान- साधना करवाते हैं। उदयपुर के पंचायती नोहरे में 20 और 21 मई को जो ध्यान साधना शिविर आयोजित होगा उसमें आचार्यश्री तीर्थंकरों की साधना पद्धति से ही श्रावकों को साधना करवाएंगे।
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भाव भरा आमंत्रण उदयपुर
23/5/2016
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NAMAN JAIN NOMINATED AT NEW YORK FILM FESTIVAL
Dubai-based director Sasha John�s film Jacob�s Pond, which premiered at the 16th New York Indian Film Festival and was received warmly, has secured a Best Child Actor nomination for Naman Jain. Jain, whose credits include Hindi feature films Raanjhanaa and Bombay Talkies, plays the role of Iqbal, a 12-year-old pickpocket who strikes an unlikely friendship with an older man, in Jacob�s Pond. Jacob Pond is a story about the loneliness that people face in a big city and looks into the friendship between a young boy and a 60-year-old man.