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अनुशासन प्रवृत्ति बताता है संयम: शिव मुनि
नाई में श्रमणसंघीय आचार्य शिव मुनि ठाणा 7 का विहार
उदयपुर, 17 मई। बाल्यकाल में संयम धारण करना उनकी अनुशासन वृत्ति को प्रदर्शित करता है। साथ ही वह मिश्री का क्रिस्टल है। ये विचार आचार्य शिव मुनि ने व्यक्त किए। वे नाई स्थित महावीर भवन में अंतिम दिन शुभम मुनि के 16 वें दीक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
शुभम मुनि के बाल्यकाल से संयम धारण करने पर श्रीमती पारस कोठारी के निर्देशन में नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें बालिका मण्डल की दीक्षिता, हिमांशी और बालक मंडल के रजत, तुषार आदि ने जीवंत प्रस्तुतियां दीं।
संघ के अध्यक्ष लहरीलाल दलाल और मंत्री प्रमोद कोठारी ने शुभम मुनि के दीक्षा दिवस पर संयम जीवन की मंगलकामनाएं करते हुए इस यात्रा के उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त करने की शुभकामनाएं दीं। कोठारी ने आचार्य श्री से आगामी वर्ष 2017 का चातुर्मास नाई में करने की विनती करते हुए अल्प प्रवास के दौरान श्रीसंघ से जाने-अनजाने में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा याचना की।
संघ के धनराज लोढ़ा ने बताया कि गुरुवार सुबह 5.45 बजे श्रमणसंघीय आचार्य शिव मुनि, शिरीष मुनि सहित ठाणा 7 का विहार होगा।
राकेश नंदावत ने बताया कि नाई से विहार कर हर्षनगर, अम्बामाता होते हुए जगदीश चौक पहुंचेंगे जहां से जुलूस के रूप् में उन्हें पंचायती नोहरा ले जाया जाएगा।
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आचार्य श्री शिव मुनि जी म. का उदयपुर विहार यात्रा