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धवला ग्रन्थ के मराठी अनुवाद की नोवीं पुस्तक का विमोचन।
चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज के पंचम पट्टाचार्य आचार्य श्री वर्धमान सागरजी महाराज के कर कमलों द्वारा आज चकवाड़ा में आयोजित पंचकल्याण के गर्भ कल्याण के दिन धवला ग्रन्थ के मराठी अनुवाद की नोवीं पुस्तक का विमोचन हुवा।
सोलापूर की जीवराज ग्रन्थ माला धवला ग्रन्थ का प्रकाशन कर रही है। सम्पादिका रेवती और सोलापूर श्राविका आश्रम की बहनों ने आचार्य शान्ति सागर जी महाराज के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करते हुए सरस्वती पूजन और आचार्य श्री की पूजन की।
आचार्य श्री ने सभी को मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा की महामना आचार्य श्री शांति सागर महाराज ने धवला जय धवला ग्रंथों को ताम्र पत्र से ग्रन्थ रूप में प्रकाशित करने की प्रेरणा देकर श्रुत की बहुत बड़ी उपासना की है और उन्ही की कृपा से आज इन महान ग्रंथों का संरक्षण सम्भव हुवा है। आचार्य श्री ने जीवराज ग्रन्थ माला द्वारा जिनवाणी के संरक्षण संवर्धन में किये गए कार्यों की प्रशंसा की और श्रुत सेवा का मंगल आशीर्वाद दिया।
राकेश सेठी, कोलकाता
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#UPDATE आचार्य भगवन की धर्मसभा का कोनीजी क्षेत्र से आँख देखा
---आचार्य श्री आज जैसे ही पूजन सभा मे पहुँचे,वैसे ही पूरा स्थल जय-जय गुरुदेव की मीठी -मधुर-सौम्य जयकारो से गूँज उठा।आचार्य श्री भी अचंभित थे कि ये सुमधुर ध्वनि कहाँ से आ रही है जैसे ही गुरुजी ने प्रतिभा-स्थली दयोदय की बालिकाओं को देखा उनकी मुख-मंडल पर जैसी😃 मुस्कान और प्रसन्नता आई वैसी मैने आज तक उनके मुख पर नही देखी।बालिकाओं ने आचार्य श्री का संगीत-मय पूजन किया और फल समर्पित करते हुए तिलवारा मे चातुर्मास-फल की कामना की,ऐसा सुनकर आचार्य श्री फिर खिल-खिलाकर हँस पडे।आहार के पश्चात प्रतिभा-स्थली की बालिकाओं ने एक ऐतिहासिक कार्य किया जब सारी बालिकाओं ने अपने-अपने कानो की सोने की बालियाँ 💍💍एवं 21०००/-रू. की राशि क्षेत्र के विकास हेतू दान कर दी।धन्य है उस प्रतिभा-स्थली के संस्कार और धन्य है आचार्य भगवन का परम-सान्निध्य।अंत मे आचार्य श्री ने उन्हें आशीष वचन प्रदान करते हुए कहा कि अपने जीवन मे स्तंभ की तरह दृढ़ बनो।और स्तंभ भी बनना तो मानस्तंभ जैसा।क्योंकि मान सहित चार कषायो से छूटने वाले ही मानस्तंभ पर विराजमान होते है।और मानस्तंभ को देखने वाले का अभिमान भी चूर-चूर हो जाता है।मान हमारे जीवन को पतन की ओर ले जाता हैं इसलिये जीवन मे कितनी भी ऊँचाइयाँ आ जाए अभिमान मत करना। -अमित सोनु