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#AcharyaShri #VidyaSagarJi #Update #Pravachan #TodayPic ❖ अच्छे कार्यों में कोई विध्न बाधा नहीं आती: आचार्य श्री -गढाकोटा का वर्षों बाद हुआ स्वप्न साकार ❖ [ UPDATE: आचार्य श्री का ससंघ रहली की ओर हुआ विहार ] ❖
गढाकोटा में 233 वर्षों का स्वप्न गजरथ महोत्सव के सानंद संपन्न हो जाना अच्छे कार्यों की पहचान होती है और अच्छे कार्यों में विध्न बाधा तो आती ही नहीं है। यह बात गढाकोटा में पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के समापन पर आयेाजित सम्मान समारोह के उपरांत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कही। उन्होनें कहा कि कार्यकर्ता काम करते हैं, तभी कार्य सफल होते हैं और ऐंसे कार्यक्रमों से नए और युवा कार्यकर्ता तैयार हो जाते हैं। उन्हें आगे बढने का रास्ता मिल जाता है। युवा शक्ति अब भविष्य में कहेगी कि जब हम छोटे थे, तब हमारे नगर में गजरथ महोत्सव हुआ था। गलती हो जाना, या कमी रह जाना स्वाभाविक है। लेकिन उत्तीर्ण हो जाना भी आवश्यक है। कार्यकर्ता गलती भी करते हैं। लेकिन उसमें सुधार कर आगे बढ जाते हैं। गलती की नहीं जाती, बल्कि हो जाती है। पानी ठंडा स्वभाव का होता है। लेकिन ठंडा होने के बावजूद उससे अग्नि बुझ जाती है। लेकिन पानी यदि गर्म हो तो भी अग्नि बुझ जाती है। कार्यकर्ता गुस्सा स्वयं के लिये करें जबकि वे गुस्सा दूसरों को करते हैं और गुस्सा होने पर ही कान पकडे जाते हैं। ताकि कान पकडने से उनकी बुद्धि का विकास भी हो जाता है।
गढाकोटा पंचकल्याणक के समापन के दूसरे दिन सोमवार को सामायिक के बाद दोपहर 2 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का ससंघ विहार रहली की ओर हुआ। रात्रि विश्राम विजयपुरा ग्राम में हुआ। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य संघ की आगवानी मुनि श्री पवित्र सागर एवं मुनि श्री प्रयोग सागर महाराज के सानिध्य में रहली जैन समाज और पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव समिति के सभी पदाधिकारी सुबह 8 बजे ग्राम खमरिया पहुचकर करेंगे। आहारचर्या रहली नगर में होगी। पंचकल्याणक के प्रतिष्ठाचार्य ब्रम्हचारी विनय भैया बंडा हैं। दोपहर 1 बजे से आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में घटयात्रा बडा जैन मंदिर से निकलकर गजरथ स्थल जाएगी। जहां पंचकल्याणक महोत्सव का ध्वजारोहण ललित चारटौरिया श्रीमती प्रीति जैन और उनके परिवार द्वारा किया जाएगा। गजरथ समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सुशील जैन ने बताया कि 46 वर्ष बाद रहली नगर में पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव का आयेाजन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रहली जैन समाज के इतिहास में रहली नगर में पहली बार 1969 में पंचायती गजरथ महोत्सव की शुरूआत हुई थी। बाद में यही परंपरा पूरे देश में लागू हुई। क्योंकि पहले एक व्यक्ति या उसका परिवार गजरथ महोत्सव कराता था। रहली नगर से इस समय आचार्य संघ में मुनि श्री कुंथु सागर महाराज, मुनि श्री निर्भीक सागर महाराज, आर्यिका मृदुमति माताजी, आर्यिका आदित्यमति माताजी, आर्यिका संभवमति माताजी, आर्यिका पवित्रमति माताजी, आर्यिका पारमति माताजी, आर्यिका आगतमति माताजी एवं ब्र सुरेश मलैया, ब्र जिनेश मलैया, ब्र रजनीश भैया, ब्र विकास भैया, ब्र पुष्पा दीदी, ब्र प्रीति दीदी गुड्डो, ब्र सरिता दीदी नगर गौरव के रूप में संघस्थ हैं।
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