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#Diwali #MahavirBhagwan #PavapuriMoksha... हैं सिद्धा क्षेत्र पावापुरी का, सैटेलाइट से लिया गया फोटो। यह भगवान महावीर की निर्वाण स्थली। प्रस्तुत फोटो, भूमि से 1.35 किलोमीटर्स से लिया है. कल के महावीर भगवान के निर्वाण के उपलक्ष मे.
ये जो नीले कलर का चौकोन है, वोह त्तालाब है. और बीच में जो सफ़ेद चौकोन में महावीर स्वामी की पादुका है.
हम अगर कल पावापुरी नहीं पहुँच सकते, तो क्या हुआ, अपरोक्ष दर्शन तो कर ही सकते है.Majavururi
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❖ आओ... दिवाली पर वीर प्रभु निर्वाण को स्मरणोत्सव के रूप में मनाये, ❖
❖ पटाको से जीवो को नहीं, ज्ञान-दीप से आत्मा को सजाये व् कर्मो जलाये! ❖
❖ दिवाली से पहला दिन -छोटी दिवाली! - आज चतुर्दशी को भगवान महावीर ने 18000 शीलों की पूर्णता को प्राप्त किया। वे रत्नत्रय की पूर्णता को प्राप्त कर अयोगी अवस्था से निज स्वरूप में लीन हुए। इस पर्व दिवस “रूप-चौदस” के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए व्रतादि धारण कर स्वभाव में आने का प्रयास करना चाहिये।❖ जब पंचम काल शुरू होने में 3 वर्ष 8 महिने और 15 दिन बाकी थे, चौथा काल अभी चल रहा था, प्रभु महावीर का विहार बंध हुआ, वाणी का योग भी मोक्षगमन के दो दिन पहले (धन तेरस से) बंद हुआ, जनता समझ गई की अब प्रभुके मोक्ष गमनकी तैयारी है, देशोदेशके राजाओं तथा प्रजाजनों भी प्रभु के दर्शन के लिए आ पहुंचे, एक परम वैराग्य के वातावरणका सर्जन हुआ, भले ही वाणी बंध थी पर प्रभुकी शांतरस झरती मुद्रा देखकर भी अनेक जीवों धर्म प्राप्त कर रहे थे, गौतम इत्यादि मुनिवरों अधिक से अधिक एकाग्र होते थे, प्रभुकी हाजरी में प्रमाद छोड़कर कई जीवों ने सम्यकदर्शन-ज्ञान-चारित्र की आराधना शुरू कर दी, इस तरह अश्विन कृष्ण त्रियोदशी एवं चतुर्दशी....यह दो दिन देवेन्द्रों तथा नरेन्द्रों ने सर्वज्ञ महावीर तीर्थंकर की अंतिम महापूजा की, वहां मोक्ष के उत्सवका बड़ा मेला लगा था....संसार को सब भूल चुके थे और मोक्ष के महिमा में ही सब मशगुल थे!!
Article Source: write-up by Nipun Jain -thank You!
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❖ पूज्य आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के नाम से यह योजना लागू की!❖ मध्यप्रदेश सरकार को बहुत बहुत धन्यवाद.... ❖
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❖ देख भाया - हम जैन हैं - और जैन पटाखे जलाकर पाप कर्म नहीं बांधता । ❖ If Agree - Hit Like and Share to all ❖
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