02.11.2015 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 02.11.2015
Updated: 04.01.2016

Update

1) किशनगंज - बिहार उत्तर बंगाल स्तरीय "समर्पण" कार्यशाला का आयोजन
2) कांकरिया, अहमदाबाद - आयम्बिल तप अनुष्ठान
दिनांक 2-11-2015

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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1) सूरत - जीवन बने गुलशन एक दिवसीय शिविर का आयोजन
2)अहमदाबाद - बिना सर्जरी कैसे करे हार्ट का उपचार व भिक्षु भजन संध्या का आयोजन
3) मण्डी गोविन्दगढ़ - बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन
दिनांक - 1-11-2015

प्रस्तुति- 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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Update

1) दिल्ली - अणुव्रत महासमिति की वर्ष 2015-17 की प्रथम बैठक का आयोजन
2) गंगाशहर - तप अभिनंदन समारोह
3) बन्गोमुंडा - एक शाम whatsapp के नाम एकांकी हास्य प्रस्तुत
4) बल्लारी - स्कूल के बच्चों को स्लाइड भेंट
दिनांक 1-11-2015

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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1)विराटनगर - जैन मुनि दीक्षा समारोह के दृश्य
2) नेपाल सरकार के मन्त्री श्री सत्यनारायण मण्डल का मुनि दीक्षा पर पूज्यवर के श्री चरणों में आगमन
दिनांक - 2-11-2015

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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News in Hindi

1) दिल्ली - अणुव्रत महासमिति के पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य मंत्री मुनि के दर्शनार्थ
2) विराटनगर - लियो क्लब के सदस्य पूज्यवर के दर्शनार्थ
3) आसींद - रक्तदान शिविर का आयोजन
4) चेन्नई - 'पर्यावरण जी रक्षा सृष्टि की सुरक्षा' पर कार्यक्रम आयोजित
दिनांक 1-11-2015

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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विराटनगर - नवदीक्षित साधू साध्वियों का नामकरण पूज्य प्रवर द्वारा
दिनांक 2-11-2015

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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आज की प्रेरणा......
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण......
विषय - बचें मृषावाद से......
प्रवचनस्थल - विराटनगर, १.११.१५.....
प्रस्तुति - अमृतवाणी......
संप्रसारण - संस्कार चेनेल के माध्यम से --
आर्हत वाड्मय में कहा गया है- मृषावाद सब साधुओं द्वारा त्याज्य है, गृहित है| अतः मृषा वाद का विवर्जन करना चाहिए | इस एक पाप के कारण हमें माया का प्रयोग भी करना पड़ सकता है | आदमी क्रोध, लोभ, भय व हास्य के कारण झूठ बोल सकता है और इन्हीं चार कारणों से हिंसा में भी प्रवृत हो सकता है | हमें झूठ से तो बचना ही चाहिए, पर सर्वत्र सच बोलना भी हानिकारक हो सकता है | अप्रिय सत्य भी नहीं बोलना चाहिए | कानों से सुनी और आँखों से देखी हर बात कहने लायक नहीं होती | माया अयथार्थ को पनपने का मौका देने वाली होती है जबकि सरलता पाप से बचने का मंत्र है| सरलता में निर्मलता का निवास
होता है और माया नीचे गिराने वाली होती है | साधना के क्षेत्र में सरलता का बड़ा महत्व होता है | साधु निश्चयकारी भाषा का प्रयोग न करे व जाऊंगा की जगह, जाने का भाव है, ऐसा कहे | गृहस्थों में भी जो कभी झूठ नहीं बोलता वह अभिनंदनीय होता है | मृषावाद अविश्वास का सच्चाई विश्वास का कारण बनती है लेकिन इसका सबसे बड़ा कोई लाभ है तो वह है - पाप कर्म से बचाव| झूठ बोलने की अपेक्षा तो मौन हो जाना अच्छा है| किसी पर झूठा आरोप लगाने जैसे दुष्कृत्य से भी हमारा बचाव आवश्यक है|
दिनांक- २ नवम्बर, २०१५

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