ShortNews in English:
Delhi
11.08.2015
Muni Jayant Kumar told ban on Santhara by high court is equal to banning free religious activity. Santhara is not for death but high level Sadhana. A person who is not aware of such great principles can challenge legitimate activity of Jain community.
He also told people who are opposing santhara need to increase their knowledge.
News in Hindi:
📢 'संथारे' पर रोक लगाना मौलिक अधिकारों का हनन है - मुनि जयंत कुमार
दिल्ली
जैन संत मुनिश्री जयंत कुमार ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा संथारे पर लगाई गई रोक पर कहा कि संथारे पर रोक लगाना जैन धर्म के मौलिक अधिकारों का हनन है। संथारे में न जीने की कामना होती है और न ही मरने की इच्छा। संथारा आत्म साधना की उच्चता को प्राप्त करने की परम आवश्यक विधि है।
मुनि ने तीखे शब्दों में कहा कि संथारे को आत्महत्या बताने वालों को अपने ज्ञान को बढ़ाने की जरुरत है। जिसने जैन धर्म को गहराई से जाना ही नहीं है और कभी उनके सिद्धांतों को जीने का अभ्यास ही नहीं किया है वह कैसे संथारे को आत्महत्या का दर्जा देने की मांग कर सकता है।
मुनि जयंत कुमार ने कहा कि प्रख्यात संत विनोबा भावे ने अंतिम समय में 'संथारा' स्वीकार किया था तो क्या यह कहा जाएगा कि उन्होंने आत्महत्या की।
यह कैसी विडंबना है कि जिन धर्मों के पर्वों पर हिंसा का तांडव होता है उन कृत्यों पर तो रोक लगाने का चिंतन ही नहीं करते और जो आत्म विशुद्धि तक ले जाने की विशेष तपस्या है उस पर रोक लगाई जा रही है।
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