30.01.2015 ►Purvamir ►Acharya Mahashraman Addressed Students

Published: 30.01.2015

News in Hindi:

Purvamir,
30.01.2015

30 जनवरी। परम पूज्य आचार्यवर प्रातः सरसौल से 8 किमी का विहार कर पुरवामीर में पधारे। प्राथमिक विद्यालय में आज का प्रवास हुआ।

 प्रातःकालीन कार्यक्रम में परमश्रद्धेय आचार्यवर ने विवेकपूर्ण सत्पुरुषार्थ करने की प्रेरणा प्रदान की। अपने प्रवचन में ज्ञान के बाधक तत्त्वों की चर्चा करते पूज्यवर ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को ज्ञान के साथ सदाचार को आत्मसात् करने हेतु उत्प्रेरित किया। पूज्यवर ने स्वरचित गीत ‘श्रेष्ठ बालक वह सुगुण का जो अमित भण्डार है' का भी संगान किया। विद्यार्थियों ने आचार्यवर से नशामुक्ति का संकल्प स्वीकार किया। कार्यक्रम में साध्वी चारित्रयशाजी ने गीत का संगान किया। विद्यालय की छात्राओं ने प्रार्थना की प्रस्तुति के बाद आचार्यवर के स्वागत में गीत का संगान कर अपने भावसुमन अर्पित किए। अध्यापक श्री आशीष पंवार ने आचार्यवर के स्वागत में भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी।

कार्यक्रम के पश्चात् सरसौल की दो शिक्षिकाएं श्रीमती शरणकौर और श्रीमती माया अपने साथ में बड़ी मात्रा में फल लेकर आईं और संतों से कहने लगीं ‘ये फल हम गुरुजी को दक्षिणा देने के लिए लाई हैं, आप इन्हें स्वीकार करें।’ उन्हें मुनिचर्या की जानकारी दी गई, किन्तु वे आग्रह करती रहीं। बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाया गया कि हम आपकी भावना स्वीकार कर रहें है, लेकिन ये फल हम नहीं ले सकते।

कार्यक्रम में पुरवामीर ग्राम पंचायत के सभी विद्यालयों के सौ से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात् उनके लिए शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संभागी शिक्षकों को पूज्यवर से पावन संबोध प्राप्त हुआ। पूज्यवर के आह्वान पर प्रायः सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने खडे़ होकर अहिंसा यात्रा के संकल्प ग्रहण किए। पूज्यवर ने अपने उद्बोधन के उपरान्त शिक्षकों की जिज्ञासाओं को भी समाहित किया।

खण्ड शिक्षाधिकारी श्री संजय यादव ने हाथीपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती राधा गुप्ता द्वारा निर्मित आचार्यवर का चित्र आचार्यवर को भेंट किया । श्री यादव प्रतिदिन संस्कार चैनल पर पूज्यवर के प्रवचन सुनते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में आचार्यवर के पदार्पण से वे अत्यधिक उल्लसित थे। यह शिक्षक सम्मेलन उन्हीं के द्वारा समायोजित किया गया था। सम्मेलन में संभागी शिक्षक आचार्यवर के दर्शन कर भावविभोर थे। जूनियर स्कूल नरवल की शिक्षिकाओं तथा प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर के अध्यापक श्री योगेश पाण्डे ने पूज्यप्रवर की अभ्यर्थना में आस्थासिक्त गीतों का संगान किया।

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Sushil Bafana
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