Pravachan
Delhi
03.10.2014
आज की प्रेरणा.......
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण......
जैन विश्व भारती, जिसे आचार्य तुलसी ने कामघेनु कहा था, एक बड़ी संस्था
है | बड़ी संस्था से सम्भावना भी बड़ी होती है व उसका काम भी बड़ा होता है |
यह सेवा का कार्य है | हमारे अनेक कार्यकर्ता इस काम में जुड़े हुए हैं | पिछले
कार्यकर्ताओं ने अच्छा काम किया व आने वाली टीम ओर अच्छा व सशक्त
काम करे | विश्व भारती को माँ तो विश्व विद्यालय को पुत्र कहा जा सकता
है | माँ और पुत्र दोनों मिलकर अच्छा कार्य करे | विश्व भारती के कार्यकर्ता
सक्रिय रहकर संस्था अपनी विभिन्न गतिविधियों को आगे बढाती रहे |
दिनांक - 3 अक्तूबर, 2014
ASHOK PARAKH
9233423523