ShortNews in English
Morkhana: 30.12.2013
Acharya Mahashraman said Non-violence, Sanyam and tap are part of religion. He asked people to follow Non-violence in life. Earlier post holder of Susvani Mata Temple did Darshan of Acharya Mahashraman.
News in Hindi
सुसवाणी माता मंदिर मोरखाना में हुई धर्मसभा, आचार्य श्री महाश्रमणजी ने दिया प्रवचन
अहिंसा, संयम व तपस्या ही धर्म है। व्यक्ति को अपने जीवन में अहिंसा व मधुर वाणी को अपना चाहिए। यह विचार रविवार को आचार्य श्री महाश्रमण ने रविवार को मोरखाना गांव में सुसवाणी माता मंदिर परिसर में हुई धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जो प्राणी सभी के साथ मंगल मैत्री रखता है वह धर्म का आयाम प्राप्त कर लेता है। जैन मुनियों का मुख्य विधान अहिंसा ही है। सूर्यास्त के बाद चारों आहार त्याग दिए जाते हैं जिससे रात्रि भोजन से होने वाली हिंसा से बचा जा सके। रात को चलते समय रजोहरण से भूमि का परिमार्जन करना भी हिंसा से बचने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि जीवन में संयम का विकास धर्म का दूसरा आयाम है और तीसरा आयाम तप है। 29/12/2013
सुसवाणी माता मंदिर मोरखाना में हुई धर्मसभा, आचार्य श्री महाश्रमणजी ने दिया प्रवचन 29/12/2013
सुसवाणी माता मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री डीसी सुराणा परम श्रद्धेय आचार्य प्रवर को मंदिर कि जानकारी देते हुए 29/12/2013
इस अवसर पर साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभाजी ने कहा कि आज यह दिव्य स्थान धर्मस्थान बन गया है। साध्वी प्रमुखाश्री ने कहा कि यहां देवी रूपी मां सुसवाणी, आचार्य श्री महाश्रमणजी जैसे गुरुदेव की उपस्थिति से प्रतीत हो रहा है कि यहां देव, गुरु धर्म की त्रिवेणी बह रही है। मुनि नयन कुमार व मुनि कुमार श्रमण ने आचार्य महाश्रमण का स्वागत किया। सुसवाणी माता मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री डीसी सुराणा ने आभार जताया। 29/12/2013
नोखा महिला मण्डल, 29/12/2013
जैतस न्यूज ब्योरो मोरखाना से शालू चौपड़ा सुमन मरोठी 29/12/2013