Dhule: 24.11.2018
Sadhvi Nirvan Shree told that all people want to live happily and to get peace. By remembering god he can be happy. Same thing was told by Guru Nanakdev Ji. Sadhvi Yogkshem Prabha told great man thinks alike. She compared some literature work of Acharya Bhikshu, Jayacharya, Acharya Tulsi with Guru Nanakdev. She also told for the welfare of humanity Acharya Mahapragya took ahimsa yatra and Acharya Mahashraman is presently undertaking Ahimsa Yatra.
Sadhvi Lavinya Prabha, Sadhvi Kundan Yasha, Sadhvi Madhur Prabha, Sadhvi Mudit Prabha presented song.*विशेष सार्वजनिक कार्यक्रम*
*"सुमिरन से सुख होय"* *श्रीमातुश्री संभागार के लोकार्पण एवं गुरूनानक जयंती पर विशेष कार्यक्रम*
बहावलपूरी पंचायत की और से विहाट मातोश्री संभागार के लोकार्पण का कार्यक्रम विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी के पावन सान्निध्य में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।गुरू नानक जयन्ती के पुण्य दिन आयोजित यह समारोह त्रिवेणी संगम बन गया। बहावलपूरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदनजी बालिकाकी अध्यक्षता में अखिल भारतीय नेतृत्व की उपस्थिति यह कार्यक्रम पूरी गरिमा लिए हुए रहा। उपस्थित पंजाबी तथा संबोधित करते हुए विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने कहा-- हर व्यक्ति सुख और शांति चाहता है। पर कामनाओं के अंबार से दबा आदमी सुख की चाह में दुःख पाता है। प्रभु के सुमिरन में वह शक्ति है जो घोर दु:ख की मानस में सुख की रोशनी भर देती है। गुरूनानकदेव ने भी यही कहा यदि सुमिरन की नौका मिल जाए तो दु:ख का पहाड़ भी तैर जाता है। साध्वीश्री डॉ योगक्षेमप्रभाजी ने अपने विशेष वक्तव्य में कहा-- महापुरुष देश और काल से निर्बंध होते हैं। वे वर्ग,जाति,रूप एवं रंग की दीवारों से परे होते हैं। गुरूनानक का देशकालातीत थे । मात्र तेरह वर्ष की वय में उन्होंने कविता कर दी तो श्रीमद् जयाचार्य से तुलनीय हो गया। आचार्य भिक्षु आचार्य तुलसी एवं गुरूनानक ने जो दर्शन दिया व सुख प्राप्ति का अमोघ साधन था। साध्वीश्री ने आचार्य श्री महाश्रमणजी की त्रिआयामी अहिंसा यात्रा का उल्लेख करते हुए सुख प्राप्ति हेतु सुमिरन की महत्ता बताई। साध्वीश्री योगक्षेमप्रभाजी साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी साध्वीश्री साध्वीश्री कुंदनयशाजी साध्वीश्री मुदितप्रभाजी साध्वीश्री मधुरप्रभाजी *"सुमिरन प्रभू का करलें"*गीत की स्वरलहरियों से सभी को भावविभोर कर लिया। बहावलपूरी पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदनजी हासिजा ने गुरूनानकदेव के संदर्भ में विचार व्यक्त करते हुए कहा - आज सोने में सुगंध मिली है जो एेसी त्यागी सतिवर की सन्निधि हमारे समाज को मिली है।-उन्होंने नानकचंद जी तनेजा के उदारमना सहयोग एवं उनकी व निर्लेपता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। समाज के स्थानीय अध्यक्ष किशोरभाई रेलन ने साध्वीश्री का हार्दिक स्वागत करते हुए तनेजा जी के प्रति अहोभाव प्रकट किया। उदारमना दानदाता एवं महासभा के संरक्षक नानकरामजी तनेजा ने साध्वीश्री के इस कृपापात्र के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रकट की। श्री मदनजी ने भवन का लोकार्पण करते हुए कहा -इस भवन का इतना आध्यात्मिक उपयोगी हो कि इनकी उदारता सार्थक बन जाए।मंच संचालन ममता पंजाबी ने किया।
प्रेषक - संगीता सूर्या